मुख्य मंदिर
परंपरागत नागर शैली में निर्मित
2.7 एकड़ क्षेत्र में निर्मित, कुल लंबाई 360 फीट एवं चौड़ाई 235 फीट, ऊंचाई 161 फीट
कुल 3 तल, प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट
मंदिर के भूतल पर स्तंभों की संख्या 160
प्रथम तल पर स्तंभों की संख्या 132
द्वितीय तल पर स्तंभों की संख्या 74
कुल द्वार 12
अन्य निर्माण
श्रीराम कुण्ड एवं कर्मक्षेत्र
यह एक यज्ञशाला अनुष्ठान मण्डप है, जो विभिन्न यज्ञों एवं अनुष्ठानों हेतु प्रयुक्त किया जाता है।
हनुमानगढ़ी
यह हनुमानजी का प्राचीन मंदिर है जहां उनकी विशाल प्रतिमा स्थित है। मान्यता है कि हनुमान जी यहाँ से अयोध्या की रक्षा करते हैं।
श्रीरामलला पुराकालिक दर्शन मण्डल
श्रीरामजन्मभूमि से संबंधित पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक प्रमाण एवं वस्तुओं को इस संग्रहालय में रखा गया है।
श्रीकाम कीर्ति
यह एक सत्संग भवन / सभागार है जो सामूहिक प्रार्थना, आरती एवं अन्य कार्यों के लिये प्रयुक्त होता है।
गुरु वशिष्ठ पीठिका
यह वेद, पुराण, रामायण एवं संस्कृत के अध्ययन एवं उसके अनुसंधान का क्षेत्र है।
भक्ति टीला
यह एक ध्यान केंद्र है, जहां आगंतुक आध्यात्मिक अनुभूति करते हैं।
तुलसी
यह रामलीला केंद्र / ओपन थियेटर है जो विभिन्न कार्यक्रमों के लिये उपयोग होता है।
राम दरबार
यह एक बहुउद्देश्यीय व्याख्यान एवं संवाद केंद्र है।
माता कौशल्या वात्सल्य मण्डप
यह एक प्रदर्शनी हॉल है जहां विभिन्न विषयों पर प्रदर्शनी लगायी जाती है।
रामांगन
यहां सिनेमा एवं टेलिविज़न आधारित शो प्रदर्शित किये जाते हैं।
रामायण
यह एक आधुनिक पुस्तकालय एवं पाठन कक्ष है।
महर्षि वाल्मिकी
यह एक शोध एवं आर्काइव केंद्र है।
रामाश्रयम
यह बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं हेतु बनाई गयी बोर्डिंग, लॉजिंग एवं प्रतीक्षालय सुविधा है।
श्री दशरथ
यह एक आदर्श गौशाला है, जहां गायों की देखरेख की जाती है।
लक्ष्मण वाटिका
यह लिली के फूलों से सुसज्जित एक सरोवर एवं संगीतमय फव्वारा है।
लवकुश निकुंज
यह युवाओं एवं बालकों हेतु गतिविधि क्षेत्र है, जहां अनेक प्रकार के कार्यक्रम होते हैं।
मर्यादा खण्ड
यह विशेष अतिथियों के लिये बनाया गया आवास क्षेत्र है।
भारत प्रसाद मण्डप
यह श्रीरामजन्मभूमि मंदिर नैवेद्य, प्रसाद, भोग हेतु बनाया गया स्थान है।
माता सीता रसोई अन्नक्षेत्र
यह श्रद्धालुओं के सामूहिक भोज, विशाल रसोई एवं खाद्यान्न के भंडारण के लिये बनाया गया क्षेत्र है।
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